नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे: महाराष्ट्र का सबसे लंबा हाईवे प्रोजेक्ट
महाराष्ट्र में Nagpur-Goa Expressway एक महत्वपूर्ण project है, जो नागपुर से गोवा तक 802 किलोमीटर लंबी छह लेन वाली सड़क बनाएगा। यह एक्सप्रेसवे 12 जिलों से गुजरेगा और गोवा के एक जिले को जोड़ेगा, जिससे यात्रा का समय 18-20 घंटों से घटकर सिर्फ 7-8 घंटे रह जाएगा। दूरी भी 1110 किलोमीटर से कम होकर 802 किलोमीटर हो जाएगी। मेरे 20 वर्षों के पत्रकारिता अनुभव में, ऐसे infrastructure developments ने कई क्षेत्रों में आर्थिक उछाल लाया है, जहां कनेक्टिविटी विकास की कुंजी बनती है।
यह expressway शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यह महालक्ष्मी, तुलजाभवानी और पात्रादेवी जैसे धार्मिक स्थलों से होकर गुजरेगा। साथ ही, औंधा नागनाथ और परली वैजनाथ जैसे ज्योतिर्लिंग भी इसके रास्ते में आएंगे। इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। सरकार का उद्देश्य विदर्भ, मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र को जोड़ना है, जो sustainable growth सुनिश्चित करेगा।
निर्माण की योजना और लागत
Nagpur-Goa Expressway का निर्माण महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) द्वारा किया जाएगा, जिसकी कुल लागत 83,600 करोड़ रुपये है। पहले यह 75,000 करोड़ बताई गई थी, लेकिन अब बढ़कर यह आंकड़ा पहुंचा है। परियोजना को EPC model पर बनाया जाएगा, जहां इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण एक साथ होंगे। मेरे अनुभव से, ऐसी योजनाएं समय पर पूरी होती हैं और गुणवत्ता बनी रहती है, लेकिन भूमि अधिग्रहण जैसी चुनौतियां हमेशा रहती हैं।
निर्माण 2028-29 तक पूरा होने की उम्मीद है, और यह महाराष्ट्र का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनेगा। Feasibility study और DPR (Detailed Project Report) की तैयारी चल रही है, जिसमें तीन कंपनियां बोली लगा चुकी हैं। इससे न केवल सड़क मजबूत बनेगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हजारों पेड़ लगाए जाएंगे। कुल मिलाकर, यह green corridor के रूप में विकसित होगा, जो पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखेगा।

रूट और जुड़ने वाले जिले
Nagpur-Goa Expressway पवनार से शुरू होकर वर्धा, यवतमाल, हिंगोली, नांदेड़, परभणी, लातूर, बीड, धाराशिव, सोलापुर, सांगली, कोल्हापुर और सिंधुदुर्ग जिलों से गुजरेगा। अंत में गोवा के उत्तर गोवा जिले के पात्रादेवी पर समाप्त होगा। यह मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा, जो नागपुर को आसानी से कनेक्ट करेगा। मेरे लंबे करियर में, ऐसे route designs ने ग्रामीण इलाकों को शहरों से जोड़कर विकास की नई लहर लाई है।
इस expressway से विट्ठोबा मंदिर, दत्तात्रेय श्राइन और अन्य धार्मिक स्थल जुड़ेंगे, जो तीर्थयात्रियों के लिए वरदान साबित होगा। Strategic locations जैसे पंढरपुर और औंधा नागनाथ पर्यटन को बढ़ावा देंगे। इससे मध्य भारत से गोवा तक सीधा रास्ता बनेगा, जो वर्तमान में मुंबई या पुणे से होकर गुजरता है। कुल मिलाकर, यह regional connectivity को मजबूत बनाएगा और दूरी कम करेगा।
लाभ और आर्थिक प्रभाव
Nagpur-Goa Expressway से व्यापार को बड़ा फायदा होगा, क्योंकि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के खनिज और औद्योगिक उत्पाद गोवा के मोरमुगाओ बंदरगाह से निर्यात हो सकेंगे। इससे केंद्रीय भारत का trade link मजबूत बनेगा और आयात-निर्यात बढ़ेगा। पर्यटन में वृद्धि होगी, खासकर पश्चिमी घाट और उत्तरी गोवा में। मेरे अनुभव से, ऐसी परियोजनाएं employment opportunities पैदा करती हैं और स्थानीय उद्योगों को नई जान देती हैं।
यह एक्सप्रेसवे green corridor के रूप में हजारों पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण करेगा। इससे विदर्भ और मराठवाड़ा जैसे पिछड़े क्षेत्रों में औद्योगिक विकास होगा और बेरोजगारी कम होगी। Socio-economic development से लाखों लोगों का जीवन स्तर ऊंचा उठेगा। कुल मिलाकर, यह योजना महाराष्ट्र और गोवा की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगी, जहां रोजगार और विकास साथ-साथ चलेंगे।
प्रगति और भविष्य की योजनाएं
Nagpur-Goa Expressway की शुरुआत 2022 में हुई, जब देवेंद्र फडणवीस ने इसे मंजूरी दी। अब तक तीन कंपनियां DPR consultant के लिए बोली लगा चुकी हैं, और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। फरवरी 2024 में संरेखण को मंजूरी मिली, और जून 2025 में कैबिनेट ने 20,787 करोड़ की लागत मंजूर की। मेरे पत्रकारिता जीवन में, ऐसी progress updates परियोजनाओं की सफलता की गारंटी होती हैं, लेकिन समय पर निगरानी जरूरी है।
भविष्य में, यह एक्सप्रेसवे अन्य राज्यों से जुड़ सकता है, जो राष्ट्रीय स्तर पर विकास को बढ़ावा देगा। Monitoring teams प्रगति पर नजर रखेंगी, और 2028 तक पूरा होने से महाराष्ट्र का सबसे लंबा हाईवे बनेगा। इससे innovation और तकनीक का उपयोग बढ़ेगा। कुल मिलाकर, यह योजना लंबे समय तक लाभ देगी और क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाएगी।
निष्कर्ष
Nagpur-Goa Expressway महाराष्ट्र और गोवा के विकास की नई मिसाल बनेगा, जहां connectivity और economic growth को मजबूती मिलेगी। धार्मिक स्थलों से जुड़ाव से पर्यटन बढ़ेगा और व्यापार को नई गति मिलेगी। पाठकों को सोचना चाहिए कि ऐसे बदलाव कैसे उनके जीवन को आसान बनाते हैं और कैसे वे पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे सकते हैं। क्या यह एक्सप्रेसवे केंद्रीय भारत को वैश्विक स्तर पर मजबूत बनाएगा?
अंततः, सरकार की vision और लोगों की भागीदारी से ही सच्ची सफलता मिलेगी। Sustainable development को ध्यान में रखकर, हमें सुनिश्चित करना होगा कि लाभ सभी तक पहुंचे। यह समय है चिंतन का कि एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट कैसे देश के भविष्य को आकार दे रहे हैं।
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