मध्य प्रदेश में 3 लाख करोड़ की इंफ्रास्ट्रक्चर क्रांति: गडकरी का बड़ा ऐलान
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जबलपुर में मध्य प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाईओवर का उद्घाटन करते हुए राज्य के लिए 3 लाख करोड़ रुपये की infrastructure blueprint पेश की है। यह योजना राज्य की कनेक्टिविटी, पर्यटन और लॉजिस्टिक्स को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। Tiger Corridor जैसी महत्वपूर्ण परियोजना के साथ, यह विकास की नई दिशा दिखाती है। मेरे 20 वर्षों के पत्रकारिता अनुभव में, ऐसे projects ने कई राज्यों में आर्थिक बदलाव लाए हैं, जहां सड़कें विकास की रीढ़ बनती हैं।
इस initiative का मुख्य फोकस मध्य प्रदेश की वन अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना है, जहां eco-tourism और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। गडकरी ने इसे राज्य की अर्थव्यवस्था बदलने वाला बताया है। योजना में विभिन्न corridors शामिल हैं, जो केंद्रीय भारत को जोड़ेंगे। इससे न केवल यात्रा आसान होगी बल्कि स्थानीय समुदायों की समृद्धि भी सुनिश्चित होगी।
प्रमुख परियोजनाएं और उनके विवरण
Tiger Corridor के लिए 5,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो कान्हा, पन्ना, बांधवगढ़ और पेंच जैसे टाइगर रिजर्व को जोड़ेगा। यह जबलपुर से शुरू होकर पर्यटन को बढ़ावा देगा। इसके अलावा, भोपाल-जबलपुर के बीच 15,000 करोड़ की greenfield expressway बनेगी, जो 255 किलोमीटर लंबी होगी। मेरे अनुभव से, ऐसी highways ने क्षेत्रीय व्यापार को कई गुना बढ़ाया है।
लखनादौन-रायपुर के लिए 10,000 करोड़ की four-lane highway जल्द शुरू होगी, जिसकी DPR दिसंबर तक तैयार हो जाएगी। इंदौर-भोपाल एक्सप्रेसवे पर 12,000 करोड़ खर्च होंगे। ये परियोजनाएं राज्य सरकार से भूमि अधिग्रहण की मांग करती हैं। इससे logistics सुधार होगा और मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनेगी।

राष्ट्रीय स्तर की योजनाएं और फंडिंग
केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश के लिए 33,000 करोड़ की पांच greenfield corridors की घोषणा की है, जिसमें इंदौर-अहमदाबाद शामिल है। भोपाल-कानपुर economic corridor 11,000 करोड़ की लागत से 440 किलोमीटर लंबा बनेगा, जो मार्च 2027 तक पूरा होगा। उज्जैन-कोटा कॉरिडोर लगभग तैयार है। मेरे लंबे करियर में, ऐसे national projects ने राज्यों को राष्ट्रीय नेटवर्क से जोड़ा है।
Delhi-Mumbai highway का 1,382 किलोमीटर लंबा हिस्सा लगभग पूरा है, जिसमें मध्य प्रदेश में 245 किलोमीटर पर 12,000 करोड़ लगे हैं। Central Road Fund से 1,500 करोड़ की फ्लाईओवर परियोजनाएं शुरू होंगी। ये योजनाएं connectivity को मजबूत बनाएंगी और यात्रा समय कम करेंगी।
Tiger Corridor Location
स्थानीय विकास और रोजगार के अवसर
जबलपुर-मंडला-चिलपी कॉरिडोर के लिए 15,000 करोड़, सिवनी-छिंदवाड़ा-सनवाड़ा हाईवे के लिए 2,500 करोड़ और खरगोन-जुलवानिया रोड के लिए 2,300 करोड़ आवंटित हैं। ये परियोजनाएं छह महीने में शुरू होंगी। Employment generation से स्थानीय युवाओं को फायदा होगा। मेरे अनुभव से, ऐसे developments ग्रामीण क्षेत्रों में नई उम्मीद जगाते हैं।
बेतुल-पारतवाड़ा और बालाघाट-नैनपुर सड़कों के लिए क्रमशः 625 करोड़ और 750 करोड़ मंजूर हुए हैं। अशोकनगर बायपास से गुना रोड पर 96 करोड़ खर्च होंगे। ये local projects राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएंगी और पर्यटन बढ़ाएंगी।
चुनौतियां और भविष्य की दिशा
गडकरी ने राज्य सरकार से भूमि अधिग्रहण में तेजी लाने को कहा है, ताकि परियोजनाएं समय पर पूरी हों। Challenges जैसे पर्यावरणीय मंजूरी और फंडिंग को ध्यान में रखा गया है। भविष्य में, ये योजनाएं मध्य प्रदेश को logistics hub बनाएंगी। मेरे पत्रकारिता जीवन में, ऐसी चुनौतियां विकास की राह में आती हैं लेकिन सही planning से पार की जाती हैं।
Future expansions में और एक्सप्रेसवे शामिल हो सकते हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर योगदान देंगे। Monitoring systems से प्रगति पर नजर रखी जाएगी। इससे राज्य की sustainable growth सुनिश्चित होगी और लंबे समय तक लाभ मिलेगा।
निष्कर्ष
यह 3 लाख करोड़ की infrastructure revolution मध्य प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी, जहां highways और corridors से कनेक्टिविटी मजबूत होगी। गडकरी की योजना से पर्यटन, रोजगार और अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। पाठकों को सोचना चाहिए कि ऐसे बदलाव कैसे उनके जीवन को प्रभावित करेंगे और कैसे वे इसमें योगदान दे सकते हैं। क्या यह क्रांति राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाएगी?
अंततः, केंद्र और राज्य सरकार की vision से ही सफलता मिलेगी। Economic growth को ध्यान में रखकर, हमें सुनिश्चित करना होगा कि विकास समावेशी हो। यह समय है चिंतन का कि इंफ्रास्ट्रक्चर कैसे भारत के भविष्य को आकार दे रहा है।
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