इंदौर आउटर रिंग रोड: 80 मीटर चौड़ी, 70 किमी लंबी सड़क और 3 जिलों के 64 गांवों का अधिग्रहण, शहर के विकास में नया अध्याय.!

By akhilesh Roy

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Indore Outer Ring Road

मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में urban expansion को ध्यान में रखते हुए एक विशाल road infrastructure परियोजना शुरू की गई है, जो शहर की यातायात व्यवस्था को मजबूत बनाएगी। National Highways Authority of India (एनएचएआई) द्वारा संचालित इस योजना में पूर्वी हिस्से का final alignment तय हो चुका है, और सर्वे कार्य जोरों पर है। यह रिंग रोड मौजूदा बायपास पर बढ़ते दबाव को कम करेगी, जिससे दैनिक यात्रा आसान हो जाएगी। स्थानीय अर्थव्यवस्था को इससे नई गति मिलेगी, क्योंकि बेहतर कनेक्टिविटी व्यापार को बढ़ावा देगी।

यह Bharatmala Pariyojana का हिस्सा है, जो राष्ट्रीय स्तर पर सड़क नेटवर्क को विकसित करने का प्रयास है। Project scope में शामिल यह रोड तीन जिलों को जोड़ेगी, जो क्षेत्रीय एकीकरण को मजबूत करेगी। अधिकारियों का मानना है कि इससे ट्रैफिक की भीड़ कम होगी और दुर्घटनाओं में कमी आएगी। कुल मिलाकर, यह योजना इंदौर को एक आधुनिक महानगर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

रोड की डिजाइन और विस्तार

नई रिंग रोड 80 मीटर चौड़ी होगी, जिसमें six-lane configuration की सुविधा होगी, जो इसे एक उच्च स्तरीय expressway बनाएगी। कुल लंबाई 70 किलोमीटर के आसपास होगी, जो शहर के बाहरी इलाकों को कुशलता से जोड़ेगी। Design features में सुरक्षा मानकों को प्राथमिकता दी गई है, ताकि तेज गति वाले वाहनों के लिए सुरक्षित रहे। इससे जुड़े इंजीनियरिंग कार्य पर्यावरण के अनुकूल होंगे, जिसमें हरित क्षेत्रों का समावेश संभव है।

Indore Outer Ring Road
Indore Outer Ring Road

इसके अलावा, service roads का निर्माण भी प्रस्तावित है, जो मुख्य मार्ग के साथ-साथ स्थानीय यातायात को संभालेगी। Construction materials की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान है, जो रोड की लंबी उम्र सुनिश्चित करेगी। यह डिजाइन शहर के बढ़ते वाहन दबाव को झेलने में सक्षम होगी। अंततः, यह रोड इंदौर की यातायात प्रणाली को विश्व स्तरीय बना देगी।

प्रभावित क्षेत्रों और अधिग्रहण प्रक्रिया

यह रिंग रोड इंदौर, धार और देवास जिलों से गुजरेगी, जिसमें कुल 64 गांवों की land acquisition की जाएगी। Affected districts में शामिल इन गांवों के निवासियों के लिए यह एक बड़ा बदलाव होगा, लेकिन विकास की प्रक्रिया में आवश्यक है। Acquisition process को पारदर्शी रखा जा रहा है, ताकि किसानों को उचित मुआवजा मिल सके। इससे जुड़े कानूनी पहलूओं पर सख्ती से अमल किया जा रहा है।

कुल 1131.10 हेक्टेयर जमीन ली जाएगी, जिसमें 41.81 हेक्टेयर forest area शामिल है, जो पर्यावरणीय मंजूरी की मांग करता है। Compensation guidelines के तहत, प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान की जाएगी। स्थानीय प्रशासन इस प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए समुदाय से संवाद कर रहा है। यह अधिग्रहण शहर के विस्तार के लिए आधार तैयार करेगा, लेकिन मानवीय संवेदनशीलता को बनाए रखेगा।

पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों का ब्योरा

पूर्वी बायपास 38 गांवों से होकर गुजरेगा, जिसमें देवास के पांच गांव और इंदौर की तहसीलों जैसे खुड़ैल और सांवेर शामिल हैं। Eastern segment का यह हिस्सा एनएच-52 से जुड़ेगा, जो कनेक्टिविटी को मजबूत बनाएगा। Village connectivity से स्थानीय व्यापार को लाभ होगा, और निर्माण के दौरान न्यूनतम असुविधा सुनिश्चित की जा रही है। यह हिस्सा क्षेत्रीय विकास को नई दिशा देगा।

पश्चिमी बायपास में 26 गांव आते हैं, जहां western segment का अधिग्रहण कार्य पहले से प्रगति पर है, जिसमें पीथमपुर और देपालपुर जैसे इलाके हैं। Progress tracking के लिए नियमित निरीक्षण हो रहे हैं, जो समय पर पूरा होने की गारंटी देते हैं। यह हिस्सा बेटमा से खंडवा तक फैलेगा, जो समग्र योजना की रीढ़ बनेगा। कुल मिलाकर, दोनों हिस्से मिलकर रिंग रोड को पूर्णता प्रदान करेंगे।

आगे की चुनौतियां और योजनाएं

मांगलिया से राऊ तक 35 किलोमीटर की four-lane road बनाने की योजना है, जिसके लिए प्रारंभिक approval granted हो चुकी है। हालांकि, 700 करोड़ रुपये की project budget वाली इस योजना को केंद्रीय स्तर से अंतिम मंजूरी का इंतजार है। Implementation challenges को दूर करने के प्रयास हो रहे हैं, ताकि निर्माण जल्द शुरू हो। इससे जुड़ी टीम समयसीमा को ध्यान में रखकर काम कर रही है।

परियोजना में पर्यावरणीय और सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए expert panels गठित किए गए हैं। Sustainable development के सिद्धांतों को अपनाकर, यह योजना लंबे समय तक फायदेमंद रहेगी। स्थानीय भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे विवादों की संभावना कम हो। यह सब मिलकर इंदौर के भविष्य को आकार देगा।

निष्कर्ष

यह ring road initiative इंदौर के यातायात और आर्थिक विकास में क्रांति लाएगी, जिसमें 64 गांवों की land integration एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। तीन जिलों को जोड़ने वाली यह योजना infrastructure advancement की मिसाल बनेगी, जो शहर को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। पाठकों को सोचना चाहिए कि विकास की इस यात्रा में व्यक्तिगत और सामाजिक जिम्मेदारियां क्या हैं, और कैसे हम सभी इसमें योगदान दे सकते हैं।

अंत में, यह स्पष्ट है कि ऐसे urban projects न केवल शहरों को मजबूत बनाते हैं, बल्कि जीवन की गुणवत्ता बढ़ाते हैं। क्या हम तैयार हैं इन बदलावों को स्वीकार कर एक बेहतर कल बनाने के लिए? यह विचार हमें प्रेरित करता है।

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