नर्मदा एक्सप्रेसवे: मध्य प्रदेश का नया विकास पथ
परियोजना का परिचय और महत्व
मध्य प्रदेश में बनने वाला नर्मदा एक्सप्रेसवे, जिसे नर्मदा प्रगति पथ के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना है। यह 1,300 किलोमीटर लंबा आठ लेन का हाईवे अमरकंटक से शुरू होकर अलीराजपुर तक जाएगा, जो मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ को जोड़ेगा। इस परियोजना का उद्देश्य क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाना और आर्थिक विकास को गति देना है। नर्मदा नदी के किनारे बनने वाला यह एक्सप्रेसवे पर्यटन और व्यापार के लिए नई संभावनाएं खोलेगा।
यह प्रोजेक्ट भारतमाला परियोजना का हिस्सा है, जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा संचालित किया जा रहा है। यह हाईवे 13 जिलों से होकर गुजरेगा, जिसमें जबलपुर, मंडला और खरगोन जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। इसकी लागत लगभग 31,000 करोड़ रुपये आंकी गई है, जो क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगी। यह परियोजना स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार और बुनियादी ढांचे में सुधार लाएगी।
मार्ग और कनेक्टिविटी
नर्मदा एक्सप्रेसवे का मार्ग अमरकंटक के कबीर चबूतरा से शुरू होकर अलीराजपुर तक जाएगा, जो गुजरात सीमा से सटा है। यह हाईवे अनूपपुर, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, खंडवा, खरगोन, बड़वानी और अन्य जिलों को जोड़ेगा। भविष्य में इसे गुजरात के अहमदाबाद या भरूच तक 150 किलोमीटर तक विस्तारित करने की योजना है। यह मार्ग 30 राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों से जुड़ेगा, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में क्रांति आएगी।
इस एक्सप्रेसवे का डिज़ाइन नर्मदा नदी के समानांतर तैयार किया गया है, जो इसे पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाता है। यह मार्ग ओमकारेश्वर, भेड़ाघाट और अमरकंटक जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थलों को आसानी से पहुंच योग्य बनाएगा। विभिन्न हिस्सों में दो, चार और छह लेन की सड़कें प्रस्तावित हैं, जैसे कि जबलपुर बायपास में चार लेन और हरदा से हर्सुद तक छह लेन। यह कनेक्टिविटी क्षेत्र के छोटे शहरों और गांवों को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ेगी।

निर्माण की प्रगति और समयरेखा
नर्मदा एक्सप्रेसवे की शुरुआत मई 2020 में प्रस्तावित की गई थी, और फरवरी 2022 में मध्य प्रदेश सरकार ने 906 किलोमीटर के हिस्से को मंजूरी दी। वर्तमान में, इस परियोजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) तैयार किया जा रहा है, लेकिन भूमि अधिग्रहण अभी शुरू नहीं हुआ है। निविदाएं और ठेके भी अभी घोषित होने बाकी हैं। यह परियोजना 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है, हालांकि समयसीमा में बदलाव संभव है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इस प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। मध्य प्रदेश सरकार ने निवेश नीति और औद्योगिक नीति विभाग को इस एक्सप्रेसवे के साथ औद्योगिक क्षेत्रों के विकास का जिम्मा सौंपा है। यह सुनिश्चित करेगा कि निर्माण कार्य उच्च गुणवत्ता मानकों पर हो और स्थानीय समुदायों को अधिकतम लाभ मिले। पर्यावरण और वन मंजूरी के बाद निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
आर्थिक और पर्यटन लाभ
नर्मदा एक्सप्रेसवे के बनने से मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ में आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी। यह हाईवे औद्योगिक क्लस्टर और 35 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क स्थापित करने में मदद करेगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोज़गार के अवसर मिलेंगे। साथ ही, यह बंदरगाहों तक माल ढुलाई को आसान बनाएगा, जिससे व्यापार और निर्यात में वृद्धि होगी। यह परियोजना क्षेत्र की इकोनॉमी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगी।
इसके अलावा, यह एक्सप्रेसवे पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। अमरकंटक, ओमकारेश्वर, भेड़ाघाट और बांधवगढ़ जैसे स्थल अब आसानी से पहुंच योग्य होंगे, जिससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी। नर्मदा नदी के किनारे बने इस हाईवे पर पेट्रोल पंप, भोजनालय, पुलिस स्टेशन और विश्राम स्थल जैसी सुविधाएं होंगी। इससे यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा, जो क्षेत्र के टूरिज्म को और आकर्षक बनाएगा।
Narmada Expressway Map
रियल एस्टेट पर प्रभाव
नर्मदा एक्सप्रेसवे का निर्माण मध्य प्रदेश और गुजरात के रियल एस्टेट बाजार में क्रांति लाएगा। बेहतर कनेक्टिविटी के कारण, इस हाईवे के आसपास के क्षेत्रों में जमीन और मकानों की कीमतों में वृद्धि होगी। खासकर, जबलपुर, मंडला, खरगोन और अलीराजपुर जैसे शहरों में प्रॉपर्टी डिमांड बढ़ेगी। यह परियोजना किफायती आवास की तलाश कर रहे खरीदारों के लिए नए अवसर खोलेगी।
औद्योगिक क्षेत्रों और लॉजिस्टिक्स पार्क के विकास से रियल एस्टेट में निवेश आकर्षित होगा। छोटे शहरों और गांवों में नए टाउनशिप और व्यवसायिक केंद्र बनने की संभावना है, जिससे स्थानीय लोग भी लाभान्वित होंगे। इस एक्सप्रेसवे के आसपास छह बिजनेस हब और एक यूनिटी सेंटर भी प्रस्तावित है, जो क्षेत्र को निवेश के लिए आकर्षक बनाएगा। यह परियोजना न केवल आवासीय, बल्कि व्यावसायिक प्रॉपर्टी की मांग को भी बढ़ाएगी।
निष्कर्ष
नर्मदा एक्सप्रेसवे मध्य प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना है, जो क्षेत्र की कनेक्टिविटी, पर्यटन और आर्थिक विकास को नया आयाम देगी। यह हाईवे न केवल अमरकंटक से अलीराजपुर तक का सफर आसान बनाएगा, बल्कि गुजरात और छत्तीसगढ़ को भी जोड़ेगा। रोज़गार, रियल एस्टेट और पर्यटन के क्षेत्र में इसके दूरगामी प्रभाव होंगे। यह परियोजना नर्मदा नदी की तरह ही क्षेत्र के लिए जीवन रेखा बनेगी।
हालांकि, इस प्रोजेक्ट की सफलता समय पर निर्माण और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने पर निर्भर करेगी। क्या यह एक्सप्रेसवे मध्य प्रदेश को विकास के नए शिखर पर ले जाएगा? यह सवाल समय के साथ जवाब देगा, लेकिन यह निश्चित है कि यह परियोजना क्षेत्र के लोगों के लिए नई उम्मीदें और अवसर लेकर आएगी।
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