रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे: एक नया युग की शुरुआत
रायपुर से विशाखापत्तनम तक बनने वाला एक्सप्रेसवे छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। यह 464 किलोमीटर लंबा छह लेन का रास्ता न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक प्रगति को भी गति देगा। इस परियोजना को भारतमाला परियोजना के तहत मंजूरी मिली है, जो देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह हाईवे माल ढुलाई और पर्यटन को बढ़ावा देगा, जिससे स्थानीय लोगों को नई संभावनाएं मिलेंगी।
इस एक्सप्रेसवे से तीन राज्यों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिससे व्यापार और निवेश के नए अवसर खुलेंगे। खासकर छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे खनिज समृद्ध क्षेत्रों में इकोनॉमिक ग्रोथ को बल मिलेगा। विशाखापत्तनम बंदरगाह तक आसान पहुंच से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, जो स्थानीय उद्योगों के लिए फायदेमंद होगा। साथ ही, यह परियोजना क्षेत्र के छोटे शहरों और गांवों को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ेगी।
मार्ग और कवरेज: कहां से कहां तक
यह एक्सप्रेसवे रायपुर के पास अभनपुर से शुरू होकर विशाखापत्तनम के पास सब्बावरम तक जाएगा। यह छत्तीसगढ़ में 124 किलोमीटर, ओडिशा में 240 किलोमीटर और आंध्र प्रदेश में 100 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। इस मार्ग पर धमतरी, कांकेर, कोरापुट और विजयनगरम जैसे शहर शामिल होंगे, जो इसे एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी हब बनाएंगे। यह रास्ता राष्ट्रीय राजमार्गों जैसे NH-30 और NH-26 से जुड़ेगा।
इस हाईवे का निर्माण हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) के तहत हो रहा है, जिसमें 19 अलग-अलग पैकेज बनाए गए हैं। प्रत्येक पैकेज को एक ठेकेदार को सौंपा गया है, जो समय और बजट के भीतर काम पूरा करने के लिए जिम्मेदार है। यह मार्ग दंडकारण्य और पूर्वी घाट जैसे क्षेत्रों से होकर गुजरेगा, जो प्राकृतिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध हैं। इसका निर्माण क्षेत्र की पर्यटन संभावनाओं को भी बढ़ाएगा।

समय और दूरी में कमी: यात्रा होगी आसान
रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे बनने के बाद यात्रा का समय 13 घंटे से घटकर 6-7 घंटे हो जाएगा। अभी इस दूरी को तय करने में 590 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है, जो अब घटकर 464 किलोमीटर हो जाएगा। यह टाइम सेविंग सुविधा यात्रियों और माल ढुलाई करने वालों के लिए बड़ी राहत होगी। साथ ही, यह रास्ता पूरी तरह से एक्सेस-कंट्रोल्ड होगा, जिससे यात्रा सुरक्षित और सुगम होगी।
इस हाईवे के बनने से ट्रैफिक जाम और सड़क हादसों में कमी आएगी। इसका डिज़ाइन आधुनिक तकनीकों पर आधारित है, जिसमें वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए अंडरपास और फ्लाईओवर भी शामिल हैं। उदंती वन्यजीव अभयारण्य में विशेष सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं, ताकि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। यह परियोजना न केवल यात्रा को आसान बनाएगी, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक प्रगति को भी नई दिशा देगी।
Raipur-Visakhapatnam Expressway Map
आर्थिक और सामाजिक लाभ: नई संभावनाएं
इस एक्सप्रेसवे से स्थानीय स्तर पर रोज़गार के कई अवसर पैदा होंगे। निर्माण कार्य के दौरान हजारों लोगों को काम मिलेगा, जिससे स्थानीय इकोनॉमी को बल मिलेगा। इसके अलावा, यह रास्ता विशाखापत्तनम बंदरगाह के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देगा, जिससे खनिज और अन्य सामग्रियों का व्यापार आसान होगा। यह परियोजना क्षेत्र के छोटे व्यवसायों को भी फायदा पहुंचाएगी। रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे: परियोजना लागतरायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे की कुल अनुमानित लागत 20,000 करोड़ रुपये है। इसमें निर्माण, भूमि अधिग्रहण, पर्यावरणीय उपाय और इंटरचेंज शामिल हैं।
इसके साथ ही, यह हाईवे पर्यटन को भी बढ़ावा देगा। अरकु घाटी, सितानदी वन्यजीव अभयारण्य और इंद्रावती नेशनल पार्क जैसे स्थल अब आसानी से पहुंच योग्य होंगे। इससे स्थानीय टूरिज्म इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। साथ ही, आसपास के क्षेत्रों में रियल एस्टेट की मांग बढ़ेगी, क्योंकि नए व्यवसाय और आवासीय परियोजनाएं शुरू होंगी। यह परियोजना क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को पूरी तरह बदल देगी।

निर्माण की प्रगति और भविष्य की योजनाएं
रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे का निर्माण तेजी से चल रहा है, और इसे दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। भूमि अधिग्रहण और निविदा प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है, सिवाय ओडिशा के कुछ हिस्सों के। इस प्रोजेक्ट का विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) दक्षिण कोरिया की कंपनी योंगमा इंजीनियरिंग और आर्किटेक्नो कंसल्टेंट्स ने तैयार किया है। यह सुनिश्चित करता है कि परियोजना उच्च गुणवत्ता मानकों पर आधारित है।
इस हाईवे को भविष्य में अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से जोड़ने की योजना है, जैसे कि दिल्ली और आगरा तक। इससे मध्य भारत को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने में मदद मिलेगी। यह परियोजना भारत की इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट रणनीति का हिस्सा है, जो देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को समर्थन देगी। यह क्षेत्र के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा।
निष्कर्ष
रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे मध्य और पूर्वी भारत के लिए एक ऐतिहासिक प्रोजेक्ट है, जो कनेक्टिविटी, व्यापार और पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। यह न केवल यात्रा के समय को कम करेगा, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक प्रगति को भी गति देगा। स्थानीय लोगों के लिए रोज़गार, व्यवसाय और पर्यटन के नए अवसर खुलेंगे, जो क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
लेकिन, इस परियोजना के साथ-साथ पर्यावरण और स्थानीय समुदायों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होगी। यह हाईवे न केवल सड़क है, बल्कि यह एक सपना है जो मध्य भारत को वैश्विक इकोनॉमिक मैप पर लाएगा। क्या यह परियोजना वाकई में क्षेत्र के भाग्य को बदल देगी? यह सवाल समय के साथ जवाब देगा, लेकिन उम्मीदें और संभावनाएं बहुत बड़ी हैं।
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